1.मुरझा जाते हैं वो लोग पेड़ों की तरह,
जिन्हें हद से ज़्यादा रूलाया जाता है।
.खामोशी ✍
2.बड़ा सुकून दे रहा है उनका मुस्कुराना…
बर्बादी का आगाज भी कितना हसीन है
ये आज हमने जाना…
3.रूह तक अपनी बात पहुंचाने का दम रखते हैं…
आशिक है हम सीधा दिल में कदम रखते हैं…
4.घाटे और मुनाफ़े का बाज़ार नहीं है?
इश्क़ इबादत है कारोबार नहीं है…
5.बाँधे रखता है सभी को रक़ीबों का ख़ौफ़
वरना किसी को किसी से मुहब्बत थोड़ी है.
#😶 खामोशी ✍
जिन्हें हद से ज़्यादा रूलाया जाता है।
.खामोशी ✍
2.बड़ा सुकून दे रहा है उनका मुस्कुराना…
बर्बादी का आगाज भी कितना हसीन है
ये आज हमने जाना…
3.रूह तक अपनी बात पहुंचाने का दम रखते हैं…
आशिक है हम सीधा दिल में कदम रखते हैं…
4.घाटे और मुनाफ़े का बाज़ार नहीं है?
इश्क़ इबादत है कारोबार नहीं है…
5.बाँधे रखता है सभी को रक़ीबों का ख़ौफ़
वरना किसी को किसी से मुहब्बत थोड़ी है.
#😶 खामोशी ✍

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