lockdown Short Poem (For Fun)
जाने कहाँ गए वो दिन
जब वो रोज नए नए सपने दिखाती थी.
हँसती थी हसाती थी
अपनी आखो से प्यारे ख्वाब दिखाती थी
जब वो इठला के चलती थी, तो खूब शर्माती थी
ना जाने क्यों वो इतना इतराती थी....
कोई बात तो थी उसमे, जो उसे इतराने पे मजबूर करती थी
पर ना जाने क्यों वो इतराने पे भी खूब शर्माती थी
सोचा की गुरूर आ गया हैं उनमे
इसलिए तो अब हमारे सामने उसने इठलाना छोड़ दिया....
फिर क्या हमने भी उन्हें भाव देना छोड़ दिया
और सोचा की हम उसे भाव क्यों दे, जिसने हमें भाव देना छोड़ दिया....
फिर क्या था एक दिन तो ऐसा आया की हम दंग रह गए
क्योंकि वो जिस बाईक से हमारे सामने से गुजरी
उसपे एक ख़ास दोस्त सवार था, जिसके हाथो में उनका हाथ था
फिर हमने सोचा की शायद इजहारे इश्क कर देते
तो ये नौबत ना आती, और मेरी माँ उसे आज बहु बुलाती...
अब हम हमेशा यहीं सोचते रहते हैं की......
जाने कहाँ गए वो दिन
जब वो रोज नए नए सपने दिखाती थी
❤️❤️🙈😍🥺
#mr_alexu_
Thanks
Stay safe
Stay at home
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thanks!